काँके जूटा मसी अन जूटा मनक परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा आई। वे अस्या अस्या गजब का परच्या बतई अन अस्या अचम्बा में नाकबा का काम करी के, वे सके तो वे परमेसर का चुण्या तका लोगाँ ने भी डापा में नाक देई।
थाँ कदी भी अस्यी परिकसा में ने नाक्या जावो ज्याँ थाँके सेण करबाऊँ बारणे हे। परमेसर तो हाँचा हे। वीं थाँने थाँकी सेण करबा की तागतऊँ हेला परकबा ने देई अन थाँने परिकसा का हाते वणीऊँ बंचबा को गेलो भी बताई ताँके थाँ वींने सेण कर सको।
पण मने दरपणी लागे हे, काँके कदी अस्यान ने वेजा के, जस्यान धरती की पेली लुगई ज्या हवा ही, वींने हाँप आपणी चालऊँ भटका दिदी ही, वस्यानीस ईं थाँका मन भी मसी की भगतीऊँ अन पवितरताऊँ ज्यो आपाँने मसी का वाते राकणी छावे, वणीऊँ भटका ने दिदो जावे।
ईं दनियाँ को सेनापती ज्यो सेतान हे, वो वणा मनकाँ की अकल ने बन्द कर मेली हे जीं विस्वास ने करे हे। जणीऊँ वीं परमेसर का रूप में मसी ने अन वाँकी मेमावान उजिता का हव हमच्यार ने ने देक सके।
वीं डरावणा जनावर ने अन वींके हाते जूटी आगेवाणी करबावाळा जी हेन्याण चमत्कार बतान वणा मनकाँ ने ज्यापे वीं जनावर की मोर लगई ही अन वींकी मूरत ने पुजा करता हा, वाँने पकड़ लिदा। वणा दुया ने वीं वादी की बळता तका नरक का कुण्ड में जीवताई नाक दिदा ग्या।
पण मूँ थुआतीरा मण्डली का वणा मनकाँ ने केणो छावूँ हूँ ज्यो वीं लुगई की हिक ने ने माने अन सेतान की भेद वाळी बाताँ ने ने जाणे। मूँ थाँका पे ओरुँ बोज ने नाकूँ।