31 सास्तर केवे हे के, “ईं वाते मनक आपणाँ बई-बापू ने छोड़न आपणी लुगईऊँ मल्यो रेई, अन वीं दुई एक डील रेई।”
अन ओरी भी क्यो, ‘ईं मस मनक आपणाँ बई-बापूऊँ अलग वेन आपणी लुगई का हाते रेई अन वीं दुई एक सरीर वेई।’
कई थाँ ने जाणो हो के, ज्यो कुई वेस्याऊँ संगती करे हे, वो वींका हाते एक तन वे जावे हे काँके सास्तर में लिक्यो हे के, “वीं दुई एक तन वेई।”
ओ भेंद तो मोटो हे, पण मूँ ईंने मसी अन मण्डली का बारा में केवूँ हूँ।