थाँ मने ने चुण्यो पण में थाँने चुण्या हे अन थाँने ठेराया हे के, थाँ अस्या फळ-फळो जीं हमेस्या बण्या रेवे। तद्याँ थाँ मारा नामऊँ ज्यो कई बापऊँ मांगो, वो थाँने दे।
ईंका केड़े अणी दनियाँ को अंत वेई, मसी हाराई राज करबावाळा राजा ने अन अदिकारियाँ ने अन हारी सगत्याँ ने नास करन आपणो राज परमेसर बापू का हाताँ में हूँप देई।
हो भायाँ-बेना, थाँका वाते माँने परमेसर ने धन्नेवाद देतो रेणो छावे अन ओ सई भी हे, काँके थाँको विस्वास घणो बड़तो जारियो हे, अन थाँको हाराई को परेम एक-दूँजा में घणो फल-फुलरियो हे।
थाँ भी जीवता भाटा का जस्यान हो थाँने आत्मिक मन्दर का रूप बणाया जारिया हे, जणीऊँ थाँ पुवितर याजक का जस्यान बणन अस्यान का आत्मिक बलीदान चड़ावो, जो ईसू मसी के वजेऊँ परमेसर के चड़ाबा का जोगा वेवे।
जद्याँ कुई उपदेस हुणावे तो वींने अस्यान हूणाणो छावे जस्यान के, वो परमेसरऊँ मल्या तका बचन ने हुणारियो वेवे। यद्याँ कुई सेवा करे, तो वो वीं तागतऊँ ज्या परमेसर वींने दिदी हे वींके जस्यान सेवा करे, जणीऊँ हारी बाताँ में ईसू मसी की वजेऊँ परमेसर की मेमा वेवे। मेमा अन तागत हमेस्या वींकीइस हे। आमीन।