जीवन की रोटी जा हरगऊँ उतरी हे वाँ मूँईस हूँ। यद्याँ कुई अणी रोटी ने खाई, तो वीं हमेस्यान जीवता रेई अन ज्या रोटी मूँ दनियाँ का जीवन का वाते देवूँ, वाँ मारी देह हे। अणीऊँस दनियाँ का मनक जीवता रेवे हे।”
काँके जी यहूदी ने हे, वाँ मनकाँ का वाते ईसू मसी को दास वेन, मूँ परमेसरऊँ मल्या तका हव हमच्यार को परच्यार करबा का वाते मूँ एक याजक की जस्यान काम करूँ हूँ, जणीऊँ वीं मनक भी परमेसर के चड़बा जोगी भेंट बण सके अन पुवितर आत्मा के जरिये परमेसर का वाते पुरी तरियाँ पुवितर बणे।
काँके ज्यो काम नेम मनकाँ का पापी हाव-भाव का मस कमजोर वेन ने कर सक्या, वो काम परमेसर किदो, मतलब ओ के, परमेसर आपणाँ बेटा ने आपणी जस्यान पाप की देह में आपणाँ पाप का वाते बली वेबा का वाते खन्दायो। जणीऊँ वो पापी देह में पाप ने दण्ड दिदो।
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।
मूँ अबे जीवतो कोयने हूँ, पण मूँ ईसू मसी में जीवतो हूँ अन मूँ अणी देह में जीवतो हूँ तो बेस ईसू पे विस्वास करबा का मस जीवतो हूँ, ज्यो परमेसर को बेटो हो अन वणी माराऊँ अतरो परेम किदो के, आपणाँ खुद ने मारा वाते दे दिदो।
ओ धण्या, जस्यान मसी मण्डळीऊँ परेम राकन, वींने पाणी अन वसनऊँ धोन पुवितर बणाबा का वाते आपणाँ खुद ने बली कर दिदो। वस्यानीस थाँ भी आपणी-आपणी लुगायाऊँ परेम राको।
हरेक मायाजक ने ईं वाते चुण्यो जावे हे के, वो भेंट अन बली दुई चड़ावे। अन ईं वाते अणी मायाजक का वाते भी ओ जरूरी हे के, वींका नके भी चड़ाबा का वाते कई वेवे।
आ बात हाँची हे तो मसी को लुई कतरो जोरावर वेई? जणी अनंत आत्माऊँ खुद ने निरदोस बली का रूप में हमेस्या वाते परमेसर के चड़ा दिदो। वींके अस्यान करबाऊँ अन वींके लुईऊँ आपाँने मोत का आड़ीऊँ लेन जाबावाळा करमाऊँ आपणाँ मन सुद कर करी, ताँके आपाँ जीवता परमेसर की सेवा कर सका।
ईं वाते ओ जरूरी हे के, जीं चिजाँ हरग का नकल का रूप में हे, वाँने जनावराँ का बलीऊँ पुवितर करणी छावे। पण हरग की चिजाँ तो अणाऊँ ओरी बड़िया बलीऊँ पुवितर किदी जावे हे।
यद्याँ अस्यान वेतो तो दनियाँ का रचनाऊँ लेन वींने आकोदाण दुक जेलणो पड़तो, पण अबे जुग का अन्त में वो एकीस दाण परगट व्यो हे, ताँके आपणाँ बलीदानऊँ पाप ने छेटी कर दे।
ईसू मसी आपाँ वाते आपणाँ जीवन त्याग कर दिदो हो, ईं वजेऊँ आपाँ जाण सका हाँ के, परेम कई हे? ईं वाते आपाँने भी आपणाँ भायाँ वाते जान भी देणी का वाते त्यार रेणो छावे।
वीं एक नुवो गीत गाबा लागा हा के, “थाँ ईं किताब ने अन ईंपे लागी तकी मोराँ ने खोलबा जोगो हो, काँके थाँ बली चड़न थाँका लुईऊँ हाराई कुल का मनकाँ ने, हारी बोली बोलबावाळा ने, हारी जात्या का मनकाँ ने परमेसर वाते मोल लिदो हे।