1 ईं वाते लाड़ला छोरा-छोरी के जस्यान ज्यो परमेसर करे वस्यानीस करो।
जणीऊँ थाँ आपणाँ हरग का परम बापू की ओलाद केवावो, काँके वीं भला अन बुरा दुयाँ पे आपणो सुरज उगावे हे, अन धरमी अन पापी दुयाँ पे बरका वरावे हे।
ईं वाते थाँ पाका बणो, जस्यान थाँका हरग का परम बापू हे।”
पण जणा भी वींने मान्यो अन वींपे विस्वास किदो, वाँने वणी परमेसर की ओलाद वेबा को हक दिदो।
एक दूजाँ का वाते करपा वाळा अन दयाळू बणो अन एक दूजाँ का गुना ने वस्यानीस माप करो जस्यान परमेसर थाँने मसीऊँ माप किदा।
ताँके थाँ ईं टेड़ी अन नसंगी हुगली पीड़ी का बचमें परमेसर का खरा, स्यवकार अन बना दोस का छोरा-छोरी वे जावो। थाँ अस्यी दनियाँ में तारा के जस्यान चमको,
काँके थाँ परमेसर का चुण्या तका लाड़ला अन पवितर मनक हो, ईं वाते दया, भलई, नरमाई, सेण करणो अन हुदापणा ने धारण करो।
हो प्यारा भायाँ जद्याँ परमेसर आपाऊँ अस्यान को परेम किदो हे, तद्याँ आपाँने भी एक-दूजाऊँ परेम करणो छावे।