वाँकाणी किंनेई तो थरप्या तका वेबा का वाते, अन किंनेई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा, किंनेई तो हव हमच्यार हुणाबावाळा, अन किंनेई तो परमेसर का मनकाँ का गवाळ अन किंनेई हिकाबावाळा बणाया।
अन हाराई बुरा आत्मिक परदानाँ अन बुरी सगत्याँ का हत्यार कोसन हूळीऊँ वाँको हाराई का हामे तमास्यो किदो अन वाँने आपणे पाच्छे कर नाक्या अन जीत को जुलस काड़्यो।