वणी एक ने होना का सिक्का भरी तकी पाँच नोळ्या अन दूजाँ ने दो, अन तीजा ने एक दिदी, वणी हर जणा ने वाँकी हेसियत का जस्यान दिदो, अन तद्याँ यातरा पे परोग्यो।
ईं वाते वींकी दया की वजेऊँ ज्या मने मली हे। वींने ध्यान में लेन मूँ थाँने केवूँ हूँ जतरा थाँ हो वणी हेला खुद ने मती हमजो हे, पण विस्वास का जस्यान जतरी कबालियत परमेसर थाँने दिदी हे वतरोइस खुद ने हमजो।
मूँ हाराई पुवितर मनकाँऊँ फोरो हूँ, पण मारा पे आ करपा वीं के, मूँ मसी का अनमोल धन ने ज्यो हमजऊँ बारणे हे वींका हव हमच्यार ने ज्यो यहूदी ने हे वाँ लोगाँ ने हूणाऊँ
जणी किंने भी परमेसर का आड़ीऊँ जो भी वरदान मल्यो हे वींने छावे के, वो परमेसर का वादा का जस्यान हव वेवस्ता करबावाळा की जस्यान, एक दूजाँ की सेवा करबा वाते वीं वरदान ने काम में लेवे।