थाँको बाप तो सेतान हो अन थाँ वींकी मरजी ने पुरी करणा छावो हो। वो तो ठेटऊँ हत्यारो हो। वो कदी भी हाँच का आड़ी ने रियो, काँके वींमें हाँच कोयने हे, जद्याँ वो जूट बोले हे, तो आपणाँ हाव-भाव के तरिया बोले हे। काँके वो जूटो हे अन हरेक जूट को बाप हे।
थाँका वाते जीं बाताँ बड़-चड़न किदी ही, वणी वाते मने हरमा ने मरणो पड़्यो, पण जस्यान माँ थाँने हाँची-हाँची क्यो हो, वस्यानीस थाँका बारा में, में मारो मेपणो तीतूस का हामे हाँच का हाते परगट किदो हे।
ईं वाते जद्याँ गवा की एक मोटी भीड़ आपणाँ च्यारूँमेर हे, तो आवो, आड़ी देबावाळी हारी चिजाँ ने अन उलजाबा पाप ने छेटी करा अन ज्या दोड़ आपाँने दोड़णी हे, वींने सेण करता तका दोड़ता रा।
ईं वाते हाराई असुद कामाँऊँ अन च्यारूँमेर की बुरईऊँ छेटी रेज्यो। पण धिज्यो राकबावाळा वेन परमेसर का बचन जीं थाँका मन में हे वाँने मानज्यो, ताँके वीं थाँकी आत्मा ने छुटकारो दे सके।
पण दरपण्या अन बना विस्वासवाळा, भरस्ट, हत्यारा अन कुकरमी, जादु-टोना करबावाळा, मूरती पुजबावाळा, अन हाराई जूट बोलबावाळा को भाग वीं कुण्ड में मली ज्यो हमेस्यान बळतो रेवे हे। या दूजी मोत हे।”
पण जादु-टोना करबावाळा, कुकरमी, हत्यारा, मूरती पुजबावाळा, अन हरेक तरियाऊँ जूट पे चालबावाळा, जूटऊँ परेम करबावाळा ईं अड़क्या गण्डकड़ा का जस्यान हे अन ईं हाराई नगरऊँ बारणे पड़्या रेई।