पण पुवितर सास्तर में लिक्यो हे, “जिंने आक्याँ ने देक्यो अन कान्दड़ा ने हुण्यो। जटा तईं मनकाँ की अकल कदी ने पोंछी अस्यी बाताँ परमेसर वणा मनकाँ का वाते बणई जीं परमेसरऊँ परेम करे हे।”
परमेसर हाराई तरियाँ का वरदान दे सके हे, जणीऊँ थाँकी हारी बाताँ अन हरेक टेम में, हारोई ज्यो थाँका वाते जरूरी हे, वो थाँका नके वेवे अन हाराई भला काम का वाते जरूतऊँ हेलो थाँका नके रेवे।
पण थाँ जाण लो के, नेम देबावाळा अन वींको न्याव करबावाळा तो बेस एकीस हे। अन वोईस बंचाबा की अन मारबा के तागत राक हे। तो पछे थाँ कूण हो जो थाँका पड़ोसी को न्याव करबावाळा बणो हो?