जोड़ला बाळक का जनमऊँ पेल्याँ अन वाँका कुई भी भलो-बुरो करबाऊँ पेल्याँ, परमेसर रिबकाऊँ क्यो, “मोटो बेटो फोरा की सेवा करी।” ताँके परमेसर के चुणाव को मकसद पूरो वेवे के, परमेसर को चुणाव वाँ दुयाँ के करमा का जस्यान ने हो। पण परमेसर की बुलाहट का जस्यान हे।
परमेसर ज्यो कई करी आपणी मन की मरजी अन ते किदी तकी बात के जस्यान करी अन परमेसर आपाँने खुद का मकसद के जस्यानीस वाँके खुद की परजा बणबा का वाते ईसू मसी का हाते गट-जोड़ करन चुण्या हा, जिंने वणा पेल्याई ते कर मेल्यो हो।
वणा आपाँने परमेसर का मनक वेबा वाते बंचाया अन बलाया हे, ओ सोभाग्य आपणाँ पे आपणाँ कामाँ का जस्यान ने मल्यो हे, पण ओ तो वाँकी दया अन वाँका मकसद वाते आपाँ पे ने मल्यो हे, ज्यो ईसू मसी में सरुवातऊँ आपणाँ वाते हो।