नीनवा का लोग-बाग न्याव का दन अणी पीड़ी का लोग-बागाँ का विरोद में ऊबा रेन दोसी ठेराई। काँके वणा योना का परच्यार ने हुणन मन फेरियो अन देको, अटे वो हे, ज्यो योनाऊँ भी मोटो हे।”
ईसू वींने क्यो, “मारे हात मती लगा, काँके मूँ अबाणू बाप का नके ने ग्यो हूँ। पण, मारा भायाँ का नके जान वाँने के दे के, ‘मूँ मारा बाप अन थाँका बाप अन मारा परमेसर अन थाँका परमेसर का नके ऊपरे जारियो हूँ।’ ”
अन आ दनियाईस ने पण आपाँ भी ज्याँने आत्मा को पेलो फळ मल्यो हो, आपाँ भी दकऊँ तड़परिया हा। काँके आपाँ ईं बात की वाट नाळरिया हे के, वो आपाँने आपणी ओलाद का जस्यान मान ले अन आपणो देहऊँ छुटकारो वे जावे।
परमेसर अस्यान होच-हमजन ते कर राक्यो हो के, अणी दनियाँ का मनक आपणाँ ग्यानऊँ परमेसर ने ने जाण पाई, तो परमेसर ने ओ बड़िया लागो के, ईं तरिया परच्यार का जरिये ज्यो आपाँ कराँ हा, ज्यो परच्यार दनियाँ का मनकाँ की नजराँ में मुरकता हे, ईंपे विस्वास करबावाळा मनकाँ ने बचावे।
परमेसर ज्यो कई करी आपणी मन की मरजी अन ते किदी तकी बात के जस्यान करी अन परमेसर आपाँने खुद का मकसद के जस्यानीस वाँके खुद की परजा बणबा का वाते ईसू मसी का हाते गट-जोड़ करन चुण्या हा, जिंने वणा पेल्याई ते कर मेल्यो हो।
ईं वाते, माँ थाँका वाते हमेस्यान परातना करा हाँ के, आपणाँ परमेसर थाँने जुग-जुग के जीवन का जोगा बणावे, जणी वाते थाँने वणा बलाया हे। अन भलई की हरेक मरजी अन विस्वास का हरेक काम ने सामरत का हाते पूरा करो।