ईं वाते थाँ आपणो अन आपणी हाराई गारा को ध्यान राको जिंने पुवितर आत्मा थाँका हात में हुप्याँ हे के, थाँ परमेसर की मण्डली की रुकाळी करो, ज्याँने परमेसर आपणाँ बेटा का लुईऊँ मोल लिदी हे।
वोईस आपणी देह को, मतलब मण्डली को मातो हे। वोईस सरुआत हे अन वोईस पेलो हे ज्यो मरयाँ तका मूँ पाछो जी उट्यो हो। ताँके हारी बाताँ में वींनेईस पेली जगाँ मले।
अन वीं आपणाँ खुद ने मसी का केबा में ने राके हे ज्यो हाराऊँ मोटो हे। मसी का वजेऊँ हारी काया ज्योड़ अन हाड़क्याऊँ मलन जस्यान परमेसर छावे हे वस्यान बड़ती जावे।
पण यद्याँ मारा आबा में टेम लागी तो, ईं कागदऊँ जाण जाज्यो के, आपणाँ परमेसर को घराणो, जीं जीवता परमेसर की मण्डली हे या हाँच की नीम अन थम्बो हे, वींके हाते आपाँने कस्यान को वेवार करणो छावे।
अन वींका हाताँ में आपणाँ हाराई अदिकार दे दिदा।” परमेसर हारोई वींके अदिकार में कर दिदो अन आपणाँ नके कई भी ने छोड़्यो ज्यो वींके अदिकार में ने हो। तद्याँ भी आजकालाँ आपाँ वींके अदिकार में कई ने देका हा।