12 जणीऊँ माँ तो सबाऊँ पेल्या मसी पे आस राकी के, वाँकी मेमा की बड़ई कराँ।
ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “थाँ दकी मती वेवो, पण परमेसर पे विस्वास राको अन मारा पे भी विस्वास राको।
वाँके मेमाऊँ भरी करपा की बड़ई वे, वाँ करपा माने वींका लाड़ला पूतऊँ मली।
अणा अस्यान किदो ताँके वो आबावाळा जुग में दया का हाते ईसू मसीऊँ ओ दिकाई के खुद की करपा ज्यो आपाँने दिकई ही वा कतरीक हेली हे।
मण्डली में अन ईसू मसीऊँ परमेसर की मेमा जुग-जुग तईं वेती रेवे। आमीन।
परबू का लाड़ला भायाँ-बेना, थाँका वाते माँने हमेस्यान परमेसर को धन्नेवाद करतो रेणो छावे, काँके परमेसर आपणी पुवितर आत्मा की सगतिऊँ थाँने बंचान वाँका पुवितर मनक बणाबा का वाते अन हाँच पे थाँका विस्वास की वजेऊँ बंचाबा का वाते पेल्याइस थाँने चुण्या हा।
अन ईं वजेऊँ मूँ ईं हारई दुक जेलूँ हूँ, पण मूँ ईं वाते हरमा ने मरूँ हूँ, काँके मूँ जाणूँ हूँ के, मारो विस्वास किंपे हे? अन मूँ ईं बात वाते पाको हूँ के, ज्यो कई वणा मने हूँप्यो हे, वींने मसी के पाच्छा आबा का दन तईं बंचाबा में तागतवर हे।
वणी आपणी मरजीऊँ हाँच का बचनऊँ पेदा किदा हे जणीऊँ आपाँ वींकी बणई तकी दनियाँ में पेला फळ वेवा।
थाँ भी मसी का वजेऊँईस परमेसर पे विस्वास करो हो, जणा वाँने मरिया तका मेंऊँ पाछो जीवतो कर दिदो अन वींने मेमा भी दिदी। ईं वाते थाँको विस्वास अन थाँकी आस परमेसर में गाटी बणी तकी रेवे।