ईं वाते थाँ आपणो अन आपणी हाराई गारा को ध्यान राको जिंने पुवितर आत्मा थाँका हात में हुप्याँ हे के, थाँ परमेसर की मण्डली की रुकाळी करो, ज्याँने परमेसर आपणाँ बेटा का लुईऊँ मोल लिदी हे।
वाँकाणी किंनेई तो थरप्या तका वेबा का वाते, अन किंनेई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा, किंनेई तो हव हमच्यार हुणाबावाळा, अन किंनेई तो परमेसर का मनकाँ का गवाळ अन किंनेई हिकाबावाळा बणाया।
थाँरा मयने ज्यो आत्मिक वरदान हे ज्यो थने वीं टेम मल्यो हो, जद्याँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा थाँरा माता पे आसिरवाद देबा का वाते हात मेल्यो हो, वीं वरदान का वाते बेपरवा मती वेज्ये।
यद्याँ थूँ विस्वास्याँ ने आ सला देई, तो थूँ ईसू मसी को हव दास केवाई अन विस्वास की बाताँ अन खरी हिक का वजेऊँ ज्याँने थूँ मानतो आयो हे, वाँकाऊँ थूँ खुद को आत्मिक तरियाऊँ पालण-पोसण करी।
परमेसर को परच्यार करती दाण नरई गवा की मोजुदगी में, जीं बाताँ थें माराऊँ हिकी हे, वाँने विस्वास जोगा मनकाँ ने हूँप दे, जीं दूजाँ ने हिकाबा को मन राकता वेवे।