13 मूँ वींको गुवा हूँ के, वो थाँका वाते अन लोदकिया अन हियारापलिस नगर का लोगाँ का वाते घणी मेनत करे हे।
काँके मूँ वाँकी गवई दे सकूँ के, वाँका में परमेसर की धुन हे। पण वाँ ग्यान पे ने टकी तकी हे।
मूँ वाँका बारा में गवई दे सकूँ हूँ के, वीं जतरो भी वीं दे सकता हा वतरो वणा दिदो। अतरोकीस ने वणा आपणी सगतिऊँ भी बड़न आपणी मरजीऊँ हरदा ने खोलन दिदो।
मूँ छावूँ हूँ के, थाँकाणी जाण लो के, “थाँके अन ज्यो लोदकिया नगर में हे, अन वाँकाणी हंगळा का वाते जणा मारो मुण्डो कदी ने देक्यो के, वाँका वाते मूँ कस्यान मेनत कररियो हूँ?
अवाज में अस्यान हमच्यार आरियो हो के, “जो कई भी थूँ देकरियो हे, वींने एक किताब का मयने लिकतो जा अन वींके केड़े वींने इपिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फिलोदेलफीया अन लिदिकिया की हातई मण्डळ्याँ ने खन्दा दिज्ये।”