थाँका खेत में जी दानक्याँ काम कररिया हा, वाँने थाँ दानकी ने दिदी अन वाँ दानकी हेलो पाड़े हे अन काटबावाळा दानक्याँ की हाका-भार सरव-सगतीमान परबू तईं पोंछगी हे।
वीं उन्याँऊँ लड़ी, पण वो उन्यो आपणाँ बलाया तका, चुण्या तका अन आपणाँ गेले चालबावाळा मनकाँ ने हाते लेन वींने हरा देई, काँके वो उन्यो राजावो को भी राजा अन परबू को भी परबू हे।”