22 ओ हाळयाँ, ज्यो दनियादारी में थाँका मालिक हे, वाँकी हारई बाताँ ने मान्याँ करो, मनकाँ ने खुस करबा वाते वींका हामेईस ने, पण हाँचा मनऊँ अन परमेसर की दरपणी का हाते मान्याँ करो।
काँके मूँ भी एक अस्या मोटा अदिकारी की दबियादारी में काम करूँ हूँ अन मारा रेटे भी सिपाई हे। जद्याँ मूँ एक सपईऊँ केवूँ हूँ, ‘जा’ तो वो चाल्यो जावे हे अन दूजाऊँ केवूँ, ‘आ’ तो वो आ जावे हे। मूँ मारा दासऊँ केवूँ के ‘यो कर’, तो वो वोईस काम करे हे।”
काँके मूँ भी कणी अदिकारी का केवा में काम करबावाळो मनक हूँ अन मारा रेटे भी घणा अदिकारी हे, एक ने केवूँ के ‘जा’, तो वो जावे हे अन एक कूँ केवूँ के, ‘आव’ तो वो आवे हे अन आपणाँ कणी दास ने कूँ के, ‘यो कर’, तो वो करे हे।”
हो मारा प्यारा भायाँ, आपणाँ नके परमेसर को दिदो तको करार हे। ईं वाते थाँ आवो, अन परमेसर को मान करता तका खुद ने पुवितर करबा का वाते खुद की आत्माने अन देह ने मयनेऊँ अन बारणेऊँ हुगली चिजाँऊँ पुवितर करो।
कई अणीऊँ थाँने अस्यान लागे हे के, मूँ मनकाँ ने मानूँ हूँ कन यो के मूँ परमेसर ने मानूँ हूँ? कई मूँ मनकाँ खुस करणो छावूँ हूँ? यद्याँ मूँ अबाणू तई मनकाँ ने खुस करबा को काम करतो रेतो, तो मूँ मसी को दास ने वाजतो।
पण जस्यान परमेसर माँने ईं जोगा जाणन हव हमच्यार ने हुणाबा को काम हूँप्यो हे। माँ ईंने वस्यानीस हुणावा हा अन अस्यान करन माँ मनकाँने ने, पण परमेसर ने जीं हरदा ने परके हे वाँने राजी कराँ हाँ।