2 धरती की चिजाँ का बारा में मती होचो पण हरग की चिजाँ का बारा में होचो।
ईसू पाच्छा फरन पतरसऊँ क्यो, “हे सेतान, मारा नकेऊँ छेटी वेजा! थूँ मारा वाते ठोकर को कारण हे, काँके थूँ परमेसर की बाताँ पे ने, पण मनकाँ की बाताँ पे मन लगावे हे।”
“थें आपणाँ वाते धरती पे धन-दोलत भेळी मती करो, काँके वाँने किड़ा अन जंग नास कर देई। अन चोर वींने लूट सके हे।
अन वणा ओरी भी क्यो, “हेंचेत रेवो अन हारी तरियाँ का लोब-लाळचऊँ आपणाँ खुद ने बचान राको, काँके कणी को जीवन वींकी धन-दोलतऊँ बड़न ने वेवे हे।”
ईं वाते जद्याँ अधरम का धन में हाँचा ने रेवो, तो ज्यो हरग को हाँचो धन वो थाँने कूण देई?
मूँ ईं दुया का बचमें लटक्यो तको हूँ। मारो जी तो छारियो हे के, ओ डील छोड़न मसी का नके जान रूँ, काँके ओ घणोइस हव हे,
जदी थाँ हंगळा मसी के हाते आत्मा में पाच्छा जीवता व्या हो, तो थाँको मन हरग की चिजाँ पे लगावो। जटे ईसू मसी परमेसर का जीमणी पाड़े बेटा तका हे।
ईं वाते थाँ कुकरम, हूँगला पणो, बुरी वासना, हुगली मरजी, लोब-लाळच ज्यो मूरत पुजा का जस्यान को हे, अस्यान का दनियादारी का गुण ने आपणाँ मेंऊँ मार दो।