ओ धण्या, जस्यान मसी मण्डळीऊँ परेम राकन, वींने पाणी अन वसनऊँ धोन पुवितर बणाबा का वाते आपणाँ खुद ने बली कर दिदो। वस्यानीस थाँ भी आपणी-आपणी लुगायाऊँ परेम राको।
अस्यानीस हो मोठ्याराँ, थाँ भी थाँकी लुगायाँ का हाते हमजदारी का हाते जीवन जीवो। लुगायाँ ने कमजोर हमजन वाँको आदर करो, ओ जाणन के, आपीं दुई जीवन का वरदान में पांतीदार हा, ताँके थाँकी परातना में कुई ओट ने आवे।