15 अन मसीऊँ मली तकी सान्ती ने थाँका हरदा में राज करबा दो। परमेसर थाँने एक हाते एकीस देह में अणीस सान्ती में रेवा का वाते बलाया हे। अन हरदाण परमेसर को धन्नेवाद करता रेवो।
“मूँ थाँने सान्ती देन जारियो हूँ, आपणी खुद की सान्ती थाँने देवूँ हूँ। दनियाँ देवे हे वस्यान मूँ थाँने ने देवूँ हूँ। थाँको मन दकी ने वेवे अन ने थाँ दरपे।
पण ज्यो मनक विस्वास ने राके, यद्याँ वो अलग वेणो छावे, तो अलग वेबा दो। अस्यी दसा में कुई भई कन बेन कस्याई बन्धन में ने हे, पण परमेसर तो आपाँने सान्तीऊँ रेवा का वाते बलाया हे।
थाँने हरेक तरियाँ धनवान बणाया जाई जणीऊँ थाँ आपणाँ हात ने खोळो राकन दे सको अन ईं दानऊँ जद्याँ माँ किंकी मदत कराँ तो ईं वजेऊँ वीं मनक परबू ने धन्नेवाद देई।
मसी का केवा में हरेक टेको देबावाळा जोड़ऊँ डील का हाराई अंग जोड़्या जावे अन एक वेजावे हे। ईं वाते जद्याँ हरेक अंग आपणो आपणो काम करे तद्याँ आको डील वदतो जावे हे अन वो परेम में भी वदे हे।
थूँ विस्वास की दोड़ में पूरो मन लगान दोड़, अन खुद का वाते जुग-जुग को जीवन जीत, जिंका वाते थने परमेसर बलायो हो, जिंने थें मेपणा का हाते थाँरा विस्वास ने नरई गवा का हामे दिकायो हो।