यद्याँ थाँ दनियाँ का वेता, तो दनियाँ थाँकाऊँ परेम राकती। पण ईं वाते के, थाँ दनियाँ का ने हो पण में थाँने दनियाँ मेंऊँ चुण लिदा हे ईं वाते दनियाँ थाँकाऊँ दसमणी राके हे।
हूँस्यार रेज्यो, कुई थाँने अकलऊँ अन धोकाऊँ आपणाँ गुलाम ने बणा ले, ज्यो मनकाँ का रिति-रिवाजऊँ अन दनियाँ की बाताँ के जस्यान तो हे, पण ईसू मसी के जस्यान कोयने।
अलग अलग तरियाँ का अणजाणी हिकऊँ भटको मती, काँके थाँका मन का वाते यो हव के, वो खाबा-पिबा की नेमा का बजाए दयाऊँ मजबूत बणे। अन जणा खाबा-पिबा का नेमाने मान्याँ वणाऊँ वाँको कदी भलो कोनी व्यो।
हो कुकरमी लोगाँ, कई थाँ ओ ने जाणो हो के, ईं दनियाऊँ भईच्यारो राकणो परमेसरऊँ दसमणी राकणी वेवे हे? ईं वाते जो दनियाऊँ भईच्यारो राके हे, वो खुद ने परमेसर को दसमण बणावे हे।