17 काँके ईं हाराई आबावाळी बाताँ की खाली छाया हे, पण ईं हंगळी चिजाँ में हाँच तो ईसू मसी हे।
आपाँने नेम तो परमेसर मूसाऊँ दिदा, पण दया अन हाँच ईसू मसीऊँ मल्यो।
मूसा का नेम तो आबावाळी बड़िया बाताँ की छाया को रूप हे। पण यो वाँको असली रूप ने हे। ईं वाते बली का रूप में हरेक साल चडावो चड़ायो जातो हो। अन वो चडावो परमेसर का नके आबावाळा मनकाँने कदी सिद ने करे हे।
जीं जगाँ पे वीं याजकपणा को काम कररिया हे, वो तो ज्यो हरग में हे वींकी नकल अन छाया हे। ईं वाते जद्याँ मूसो पुवितर तम्बू बणाबावाळो हो, तद्याँई वींने चेतावणी दिदी गी के, “ध्यान राकज्ये के, थूँ हरेक चीज वींके जस्यानीस बणाज्ये, जस्यान थने मंगरा पे बतई ही।”
अन यो तम्बू अबाणू की टेम का वाते एक केणी हे, जिंमें अस्यी भेंट अन बलीदान चड़ाया जावे हे, जणीऊँ आरादना करबावाळा का मन पुरी तरियाँ सुद ने वे सके हे।