अलग अलग तरियाँ का अणजाणी हिकऊँ भटको मती, काँके थाँका मन का वाते यो हव के, वो खाबा-पिबा की नेमा का बजाए दयाऊँ मजबूत बणे। अन जणा खाबा-पिबा का नेमाने मान्याँ वणाऊँ वाँको कदी भलो कोनी व्यो।
हो भायाँ, थाँ एक दूजाँ ने बदनाम मत करो। अन ज्यो कुई आपणाँ भई ने बदनाम करे हे अन दोस लगावे हे। अस्यान करन वो नेमा का विरोद में बोले हे अन नेमा ने दोसी ठेरावे हे। अस्यान करबाऊँ थाँ नेमाने मानबावाळा ने, पण वींका न्याव करबावाळा बण जावो हो।