“वींके मालिक वणीऊँ क्यो, ‘धन हे हव अन विस्वास जोगा दास, थूँ थोड़ा में विस्वास जोगो रियो। मूँ थने नरई चिजाँ को हकदार बणाऊँ। आपणाँ मालिक का घर में जान खुसी मना।’
ईं वाते मूँ तिमुतियुस ने ज्यो परबू का गट-जोड़ में लाड़लो अन मारा विस्वास जोगो बेटो हे, वींने थाँका नके खन्दायो हे, वो थाँने ईसू मसी में मारा वेवार का बारा में बताई, जिंने में हरेक जगाँ अन हरेक मण्डळ्याँ में हिकऊँ हे।
कूँवारी लुगायाँ का बारा में परबू की कस्यी आग्या मने ने मली हे, पण विस्वास के जोगो वेबा का वाते ज्या दया परबू मारा पे किदी हे, वींके जस्यान मूँ थाँने सला दूँ हूँ।
कई वींइस मसी का दास हे? मूँ बेण्डा के जस्यान कूँ हूँ, मूँ वणाऊँ भी बड़न मसी को दास हूँ। वाँकाऊँ हेली मेनत करबा में, नरी दाण जेळ में बन्द वेबा में, कोड़ा की मार खाबा में, आकोदाण मोत का मुण्डो में जाबा में,
इपफरास, ज्यो थाँका मेईलोईस हे अन मसी ईसू को दास हे, वो थाँने आद कररियो हे अन हरदाण थाँका वाते आका मनऊँ परातना करे हे। जणीऊँ थाँ हमजदारी अन पूरा भरोसा का हाते परमेसर की मरजी में अटल रेवो।
यद्याँ थूँ विस्वास्याँ ने आ सला देई, तो थूँ ईसू मसी को हव दास केवाई अन विस्वास की बाताँ अन खरी हिक का वजेऊँ ज्याँने थूँ मानतो आयो हे, वाँकाऊँ थूँ खुद को आत्मिक तरियाऊँ पालण-पोसण करी।
परमेसर को परच्यार करती दाण नरई गवा की मोजुदगी में, जीं बाताँ थें माराऊँ हिकी हे, वाँने विस्वास जोगा मनकाँ ने हूँप दे, जीं दूजाँ ने हिकाबा को मन राकता वेवे।
ईं वाते वींने हरेक बात में मनकाँ का जस्यानीस बणायो ग्यो हो, जणीऊँ वो परमेसर की सेवा करबा का वाते दया करबावाळो अन विस्वास जोगो मायाजक बणे। ताँके मनकाँ का पापाँ का मापी वाते बली हो सके।