पतरस वाँने क्यो, “मन ने बदलो अन आपणाँ पापाँ की मापी के वाते थें हारई ईसू मसी का नामऊँ बतिस्मो लेवो। परमेसर थाँने पापाऊँ मापी देई अन थाँने पुवितर आत्मा को दान मल जाई।
ईं वाते थाँ आपणो अन आपणी हाराई गारा को ध्यान राको जिंने पुवितर आत्मा थाँका हात में हुप्याँ हे के, थाँ परमेसर की मण्डली की रुकाळी करो, ज्याँने परमेसर आपणाँ बेटा का लुईऊँ मोल लिदी हे।
थूँ वाँकी आक्याँ ने खोले अन वीं अंदाराऊँ उजिता का आड़ी, अन सेतान की सगतिऊँ परमेसर का आड़ी फरे ताँके वाँने पापाऊँ मापी मले अन परमेसर का चुण्या तका लोगाँ के हाते वीं भी बापोती में भेळा वेवे।’
अन परमेसर का आड़ीऊँ थाँ ईसू मसी में हो, मसी ज्यो परमेसर का आड़ीऊँ आपणाँ वाते ग्यान ठेरियो अन वींका वजेऊँ आपाँ परमेसर का हामे सई अन पुवितर मनक बण्या अन आपाँने छुटकारो मल्यो।
मसी पे विस्वास करबा के पेल्याँ आपीं आपणाँ पापाँ की वजेऊँ आत्मा में मरिया तका अन बना खतना का हा। पण अबे परमेसर आपाँने ईसू मसी का हाते पाच्छा जिवाया अन आपणाँ हाराई पापाँ ने माप किदा हे।
किंका पे थाँको ओळमो वे तो एक-दूँजा ने सेण करता तका अन एक-दूँजा ने माप कर दो। जस्यान परमेसर थाँने माप करे हे वस्यानीस थाँने भी एक-दूँजा ने माप करणा छावे।
काँके मसी भी आपणाँ पापाँ का वाते दुक जेल्यो हो। ईंको मतलब ओ हे के, वो निरदोस हो तो भी वो आपणाँ पाप का वाते एक दाण मरग्यो, जणीऊँ वो आपाँने परमेसर का नके ले जावे। वो देह का रूप में तो मरग्यो, पण आत्मिक रूप में जिवायो ग्यो हे।
ईं मनक कूँवारा हा अन ने ईं कणी लुगई का हाते कदी हूँता। अन जटे वीं उन्यो जातो ईं वींके हाते वे जाता। ईं परमेसर का वीं पेला फळ हे, ज्याँने मोल देन छुड़ाया ग्या हा।
वीं एक नुवो गीत गाबा लागा हा के, “थाँ ईं किताब ने अन ईंपे लागी तकी मोराँ ने खोलबा जोगो हो, काँके थाँ बली चड़न थाँका लुईऊँ हाराई कुल का मनकाँ ने, हारी बोली बोलबावाळा ने, हारी जात्या का मनकाँ ने परमेसर वाते मोल लिदो हे।