अबे देक परबू को हात थाँरा दयने आरियो हे। थूँ आन्दो वे जाई अन थोड़ाक दनाँ तईं दन को उजितो भी ने देक सेकी।” तरत वींने धुधळो दिकबा लागो अन अन्दारो पड़ग्यो, वो अटने-वटने हात लाम्बो करबा लागो के, कुई वींको हात पकड़न वींने चलावे।
अन ने मूँ यरूसलेम नगर में वाँका नके ग्यो, ज्यो माराऊँ भी पेल्याँ परमेसर का थरप्या तका चेला हा, पण मूँ तरत अरब परदेस परोग्यो अन पछे मूँ पाछो दमिसक नगर में आग्यो।