5 साउल पूँछ्यो, “परबू, थाँ कूण हो?” वीं बोल्या, “मूँ ईसू हूँ, जिंने थूँ हतारियो हे।”
पतरस क्यो, “परबू मूँ अस्यो ने कर सकूँ हूँ, काँके में कदी भी हुगली अन असुद चिजाँ ने खादी।”
अन माँ हंगळा रेटे जाई पड़्या, तो में इबरानी भासा में, ओ अवाज हूणी ज्या माराऊँ केरी ही, ‘हे साउल, हे साउल, थूँ मने काँ हतारियो हे? धारदार चिजाँ पे लात मारन थूँ खुद ने नकसाण पोछारियो हे।’
“मूँ भी होचतो हो, ईसू नासरी का नाम का विरोद में नरोई करूँ।
पण जदी ईं काम परमेसर की आड़ीऊँ हे तो, थाँ वाँने रोक ने सको अन थाँ खुद परमेसर के विरोद में लड़ता तका दिको। वाँकाणी वाँकी सला मान लिदी।
वो रेटे पड़ग्यो अन एक अवाज हूणी, जो वींने केरी ही, “साउल, ए साउल! थूँ मने काँ हतारियो हे?”
पण, अबे थूँ ऊबो वेजा अन नगर में जा, वटे थने बता दिदो जाई के, थने कई करणो हे।
कई आपीं परबू ने गुस्सा देवाड़ा हा? कई जतरा तागतवर परमेसर हे वाँकाऊँ आपीं हेला तागतवर हा?
ओ ने के, मूँ ईंने पा चुक्यो हूँ कन पाको वे चुक्यो हूँ, पण मूँ वीं ईनाम ने जीतबा का वाते कल्ड़ी मेनत कररियो हूँ, जीं मस ईसू मसी मने खुद का वाते जीत ग्या हा।
पेल्याँ मूँ परमेसर का बारामें बुरो बोलबावाळो, वींका मनकाँ ने हताबावाळो अन वाँकी मजाक करबावाळो मनक हो। ईंका केड़े भी मारा पे दया वी, काँके एक बना विस्वासवाळा का जस्यान अणजाण में ईं हाराई में काम किदा हा।