पण जद्याँ भी थूँ परातना करे आपणाँ ओवरा में जा अन कमाड़ बन्द करन आपणाँ बापू परमेसरऊँ ज्यो छाने में हे परातना कर अन थाँको बाप छाने में देके हे, वो थाँने वींको फळ देई।
जद्याँ वीं दन पूरा वेग्या तो माँ वटूँ चाल पड़या, अन वटा का हंगळा मनक अन वाँकी लुगायाँ अन छोरा-छोरी माँने नगर का बारणे तईं मेलवा आया, अन समन्द का कनारे माँ हंगळा गोडा टेकन परातना किदी।