“‘परमेसर केवे के अन्त की टेम में अस्यो वेई के, मूँ आपणी आत्मा हारई मनकाँ में नाकूँ, थाँका बेटा-बेटी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा लाग जाई, थाँका मोट्यार मनक दरसावो देकी, अन भूण्डा-ठाड़ा लोग-बाग हपनो देकी।
अन ने मूँ यरूसलेम नगर में वाँका नके ग्यो, ज्यो माराऊँ भी पेल्याँ परमेसर का थरप्या तका चेला हा, पण मूँ तरत अरब परदेस परोग्यो अन पछे मूँ पाछो दमिसक नगर में आग्यो।