पतरस वाँने क्यो, “मन ने बदलो अन आपणाँ पापाँ की मापी के वाते थें हारई ईसू मसी का नामऊँ बतिस्मो लेवो। परमेसर थाँने पापाऊँ मापी देई अन थाँने पुवितर आत्मा को दान मल जाई।
पण वणा लोगाँ फिलिपुस का संदेसा पे भरोसो किदो, काँके फिलिपुस वाँने परमेसर का राज अन ईसू मसी नाम को हव हमच्यार हूणातो हो। तो हारई लोग-लुगायाँ बतिस्मो लेबा लागा।
ईं वाते मूँ थाँने बतारियो हूँ के, ज्यो कुई परमेसर की आत्मा का आड़ीऊँ बोलबावाळा कुई भी ओ ने केवे के, “ईसू ने हराप लागे” अन ने कुई बना पुवितर आत्माऊँ के सके के, “ईसूइस परबू हे।”
वो पाणी भी बतिस्मा का जस्यान हे, जणीऊँ अबे थाँ बंचाया जावो हो। अणी बतिस्मा को मतलब यो कोयने के, देह को मेल धोयो जावे, पण मन ने पुवितर करन खुद ने परमेसर का आड़ी फेरणो वेवे हे, काँके ईसू मसी मरिया तका मेंऊँ पाच्छा जीवता किदा ग्या हा।