34 ईं बात पे अदिकारी फिलिपुसऊँ पूँछ्यो, “थूँ मने ओ बता के, परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा ओ किंका बारा में केवे, वाँका बारा में कन दूजाँ का बारा में?”
तद्याँ ईसू भीड़ ने छोड़न घरे पराग्या अन वाँका चेला वाँका नके आन क्यो, “चारा की केणी को अरत माँने हमजा।”
ओ हुणन पतरस वाँकाऊँ क्यो, “वणी असुद बात को अरत माने हमजा दो।”
वो उटन वटे परोग्यो, जद्याँ इथोपिया देस को एक मनक आरियो हे, जो खोजे अन इथोपिया की राणी कन्दाके को मंतरी अन खजाना को अदिकारी हो। वो परातना करबा ने यरूसलेम आयो हो।
अस्यान वींने निचो दिकान न्यावऊँ छेटी कर दिदो। वींकी आबावाळी पीड़ी को बखाण कूण केरी? काँके धरतीऊँ वींको जीव ले लिदो हो।”
तद्याँ फिलिपुस बखाण करणो सरू कर किदो अन सास्तर का अणीस पाटऊँ सरू करते तके वींने ईसू को हव हमच्यार हुणायो।