32 वो किताब को जो भाग भणरियो हो वो अस्यान हो। “वींने बली वेबावाळा गारा का जस्यान ले जारिया हा। वो तो वीं उन्याँ का जस्यान छानो-मानो हो, जो आपणी ऊन काटबावाळा का हामे छानो रेवे।
जद्याँ ईसू बोल्या, “ओ बापू, अणाने माप कर दो, काँके ईं लोग ने जाणे हे के, ईं कई कररिया हे।” पसे सपायाँ कागद की गोट्याँ नाकन वाँका गाबा बाँट लिदा।
आगले दन यहुन्ने ईसू ने आपणाँ आड़ी आवता तका देकने क्यो, “ओ परमेसर को उन्यो हे, ज्यो दनियाँ का लोगाँ का पापाँ ने आपणाँ ऊपरे ले लेई।
अदिकारी क्यो, “जतरे मने कुई ने हमजावे, तो मूँ कस्यान हमजूँ?” अन वे फिलिपुस ने रत पे चड़न वींका भड़े बेटबा वाते बलायो।
जस्यान सास्तर में लिक्यो हे के, “थाँरा वाते माँ हरेक टेम मोत का हाताँ में हूँप्यो जावा हा। माँने कटबावाळा गारा हमज्या जावे हे।”
अन ज्या बात मने हाराऊँ पेल्याँ पतो चाली ही वाँ बात में थाँने हुणा दिदी हे, जस्यान सास्तर में लिक्यो हे के, मसी आपणाँ पापाँ का वाते मरिया हा।
पण थाँने ओ छुटकारो मसी का किमती लुईऊँ, जो निरदोस उन्याँ के जस्यान हे, मल सके हे।