अन जद्याँ वे पाणीऊँ बाणे निकळ्या, तो फिलिपुस ने परबू की आत्मा लेन परोग्यो अन वो अदिकारी पछे वींने कदी ने देक सक्यो अन वो राजी वेतो तको आपणे गेले-गेले परोग्यो।
पुवितर आत्मा सई तरियाऊँ बोले हे के, थोड़ाक टेम का केड़े थोड़ाक मनक विस्वास करणो छोड़ देई, वीं भटकाबाळी आत्मा की जूटी हिक ने मानी अन जूटी आत्मा का क्या में रेई।