थाँने ओ जाणणो हे के, कुकरमी, हूँगला मनक, अन लोबी मनक ज्यो मूरत पुजा करबावाळा का जस्यान हे अस्या मनकाँ का वाते मसी अन परमेसर का राज में बापोती कोयने हे।
वीं धन्न अन पुवितर हे ज्यो ईं पेला पुनरुत्थान का भागी बणी, अणापे दूजो मोत को कई अदिकार ने, पण ईं परमेसर अन मसी का याजक वेई, अन वींके हाते एक हजार वर तईं राज करी।
अन यद्याँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा की अणी किताब में लिक्या तका वसना मेंऊँ कई घटाई तो परमेसर ईं किताब में लिक्या तका जीवन का रूँकड़ा अन पुवितर नगर मेंऊँ वींको हिस्सो वणीऊँ कोसी लेई।