पण लोग तो वाट नाळरिया हा के, वींको हात हूजी कन वो एकदम रेटे पड़ जाई अन मर जाई। पण नरई देर तईं वींके कई ने व्यो, तो वाँको बच्यार बदलग्यो के, “ओ कुई देवता हे।”
वीं डरावणा जनावर का एक माता में अस्यान को घाव हो, जणीऊँ अस्यान लगारियो हो के, वो अबे मर जाई। पण वींको ओ घाव भरग्यो, जणीऊँ हारी धरती का मनक अचम्बा करन वींके हाते वेग्या।