48 “पण, परम पिता परमेसर मनकाँ का हातऊँ बणाया तका मन्दर में ने रेवे, जस्यान के परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळे क्यो,
वो मोटो मान्यो जाई अन परम परदान परमेसर को पूत केवाई अन परबू परमेसर वींका बड़ाबा दाऊद की गाद्दी वींने हूँपी।
आपाँ जाणा हाँ के, ईं धरती पे आपणी देह रूपी घर भगाड़ दिदो जाई पछे आपाँने परमेसर का आड़ीऊँ हरग में कदी नास ने वेबावाळो घर मली वो मनकाँ का हाताऊँ बणायो तको ने वेई।