31 मूसे जद्याँ ओ देक्यो, तो वो अचम्बा में पड़ग्यो अन ओरुँ हव तरियाऊँ देकबा का वाते झाड़ का नके ग्यो तो वणी परबू की अवाज हूणी,
जद्याँ ईसू यो हुण्यो तो अचम्बा में पड़न आपणाँ पाच्छे आरिया हा वाँने क्यो, “मूँ थाँने हाचेई कूँ हूँ के, में अस्यो विस्वास इजराएल का मनकाँ में भी ने देक्यो।”
जद्याँ चाळी साल पूरा व्या, तो एक हरग-दुत सिनाई मंगरा का नके हुन्ना काँकड़ में हळगता तका झाड़ की जाळ में परगट व्यो।
मूँ थाँरा बड़ाबा को परमेसर हूँ, अबराम, इसाक अन याकूब को परमेसर हूँ। तो मूसो घबरान धूँजवा लागो अन वटे देकबा की भी हिम्मत ने कर सक्यो।