ईं वाते देको, मूँ थाँका नके परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन अकलमन्द अन गरुवा ने खन्दाऊँ हूँ अन वणा मूँ करता ने तो मार नाको अन हूळी चड़ावो, अन किंने आपणाँ परातना घर में कोड़ा मारो अन एक नगरऊँ दूजाँ नगर दोड़ता फरो हो।
“आपणाँ वाते खुद हेंचेत रेवो। वे मनक थाँने पकड़न कोरट में पेस केरी अन पछे थाँने वाँका परातना घर में मारी कुटी अन मारा वाते थाँने हाकम अन राजा के आगे ऊबो वेणो पेड़ी। ईंऊँ थाँ वाँने मारो हव हमच्यार हुणा सको।
जद्याँ हाँक की टेम अई, तो वणी मनक हिंजारिया का नके एक नोकर ने खन्दायो के, वो बाग का फळा को भाग वींने दी देवे पण, वणा हिंजारिया वींने कुट्यो अन खाली हातई पाछो खन्दा दिदो।