23 “माँकाणी जद्याँ जेळ में ग्या तद्याँ जेळ में जाप्ताऊँ ताळा लागा तका देक्या अन कमाड़ का बारणे पेरादार ऊबा हा, पण जद्याँ माँ कमाड़ खोल्या, तो माँने मयने कुई ने मल्या।”
ईं बात पे वणा ईसू ने मारबा के वाते भाटा हाताँ में ले लिदा, पण वो छानेकूँ मन्दरऊँ बारणे निकलग्यो।
पण, रात में परबुजी के एक हरग-दुत जेळ का कमाड़ा ने खोलन वाँने बारणे निकाळन क्यो,
पण जद्याँ नोकर जेळ में पूगा, तो वटे वाँने थरप्या तका चेला ने मल्या। वाँकाणी पाच्छा आन क्यो,
जद्याँ मन्दर का पेरादाराँ का मुक्या अन याजकाँ ईं बाताँ हूणी, तो वीं वाँका बारा में चक्कर में पड़न होचबा लागा के, “अबे कई वेई?”