“माँकाणी जद्याँ जेळ में ग्या तद्याँ जेळ में जाप्ताऊँ ताळा लागा तका देक्या अन कमाड़ का बारणे पेरादार ऊबा हा, पण जद्याँ माँ कमाड़ खोल्या, तो माँने मयने कुई ने मल्या।”
ईं वाते मन्दर का पेरादाराँ का मुक्यो आपणाँ सपायाँ की लारे वटे ग्यो अन थरप्या तका ने बना लड़ई-जगड़ा किदाई लेन आयो, काँके वाँने दरपणी ही के कटई लोग-बाग भाटा ने फेकबा लाग जा।