15 थरप्या तका का कामाँ की वजेऊँ लोग-बाग माँदा मनकाँ ने गेला में लान खुतलियाँ पे हुवाण देता, ताँके जद्याँ भी पतरस अटने निकळे, तो कमुकम वींकी छाया आ माँदा मनकाँ पे पड़ जावे।
अन वाँकाऊँ परातना करबा लागा के, वो वाँने आपणाँ गाबा का पल्ला की कोर के अड़बा दो अन जतरा भी अड्या, वीं हाराई हव वेग्या।
काँके वाँ आपणाँ मन में ओ बच्यार कररी ही के, “यद्याँ मूँ वींका गाबा का भी अड़ जाऊँ तो मूँ हव वे जाऊँ।”
पछे वे लोग च्यारूँमेर दोड़न ग्या अन हंगळा जणा ने यो बतायो के, ईसू वटे हे, तो मनक माँदा मनकाँ ने माचा पे हूँवाणन वटे लेग्या।
“मूँ थाँकाऊँ सई-सई केवूँ हूँ के, ज्यो मारा पे विस्वास करे हे, वो ज्यो काम मूँ करूँ हूँ वो भी करी। पण अणीऊँ भी मोटा काम करी, काँके मूँ परमेसर के नके जारियो हूँ।
जद्याँ अस्यान व्यो तो वीं टापू का हंगळा माँदा मनक वटे आया अन वीं हाराई हव वेग्या
यरूसलेम के अड़े-भड़े का नगराऊँ लोग-बाग माँदा अन ज्याँमें हुगली आत्मा ही वाँने लाबा लागा अन वे हारई हव वे जाता हा।