4 पण, जणा वीं परच्यार ने हुण्यो, वामूँ नरई जणा विस्वास किदो। विस्वास करबावाळा की गणती लगे-भगे पाँचेक हजार पोंछगी ही।
मूँ थाँकाऊँ हाँची केवूँ हूँ के, जद्याँ तईं गऊँ को दाणो जमीं में ने पड़ जावे, वो एकलो रेवे हे, पण जद्याँ मर जावे हे, तो हेला दाणा लावे हे।
वामूँ जणी-जणी सन्देसा ने मान्यो, वाँने बतिस्मो दिदो ग्यो अन वीं दन वाँकी मण्डली में लगे-भगे तीनेक हजार लोग-बाग मलग्या।
परबू की बड़ई करता अन हंगळा लोगाँ का भलई का कामऊँ राजी वेता। अन परमेसर हरेक दन बंचाया तका लोगाँ ने आपणी मण्डली में भेळा कर देता।
तद्याँ नरई तो वणा बाताँ ने मान लिदी अन दूजाँ विस्वास ने किदो।