37 वींके खेत हो, जिंने बेंच दिदो अन वींका रिप्या-कोड़ी लान थरप्या तका का पगाँ में मेल दिदा।
अन जणी कणी घर, भायाँ, बेना, बाप, बई, छोरा-छोरी अन खेता ने मारा नाम का वाते छोड़ दिदा हे, वाँने हो गुणी मली। अन वो हरग में अनंत जीवन को हकदार वेई।
हारई विस्वासी एक लारे हा अन वाँका नके जो भी हो, वींने वे बाँट लेता हा।