ईं वाते हुकम दो के, तीजा दन तईं कबर की रुकाळी करी जावे, अस्या ने वे के, वाँका चेला आन वींने चुरा लेजा अन लोगाऊँ केबा लागा के, ‘वो मरिया तका मेंऊँ जी उट्यो हे। तद्याँ यो धोको पेल्या का धोकाऊँ भी मोटो वेई।’ ”
तो पछे मोटी सबा का लोगाँ वाँ दुई जणा ने तापड़न छोड़ दिदा। वाँने सजा देबा को कई भी मोको ने मल्यो हो, काँके जो भी व्यो, वींका वाते लोग-बाग परमेसर की मेमा गारिया हाँ।
काँके परबू का बचन थाँका नकेऊँ मकिदुनिया अन अखाया मेंईस ने हुणायो ग्यो, पण ईं वजेऊँ परमेसर पे थाँका विस्वास की चरचा हारी जगाँ में फेलगी हे। ईं वाते माँने कई केवाँ की जरुतई ने पड़ी।
जद्याँ वाँकी बेजती किदी गी, तो भी वणा किंकीई बेजती ने किदी। जद्याँ वीं दुक जेलरिया हा, तो भी वणा किंने भी धमकी ने दिदी, पण वणा आपणाँ खुद ने हाँचा न्याव करबावाळा परमेसर ने हूँप दिदा।