16 “ईं लोगाँ की लारे अबे कई कराँ? काँके यरूसलेम का हारई लोग-बाग ओ जाणे हे के, वाँ घणा अचम्बावाळो परच्यो दिदो हे। अबे आपाँ वाँने नकार भी तो ने सका।
वाँकाणी वींने क्यो, “ईं वाते ऊबा हाँ के, ‘कणी माने दानकी पे ने लगाया।’ वणी वाँने क्यो, थाँ भी बाग में जावो।”
वीं टेम वाँका वटे बरब्बा नाम को एक नामी मनक जेळ में हो।
मूँ थाँने अस्या बोल अन अकल देवूँ के, थाँका हाराई दसमण थाँको सामनो ने कर सकी अन थाँने रोक ने पाई।
लोग-बाग वाँकाऊँ मलबा ईंवातेइस आया हा, काँके वणा हुण्यो हो के, वणी ओ परच्यो बतायो हे।
पण, वो पुवितर आत्माऊँ मली तकी अस्यी अकल की बाताँ केतो के, वे वींका हामे ने आ सक्या।