पण लोग तो वाट नाळरिया हा के, वींको हात हूजी कन वो एकदम रेटे पड़ जाई अन मर जाई। पण नरई देर तईं वींके कई ने व्यो, तो वाँको बच्यार बदलग्यो के, “ओ कुई देवता हे।”
अन जिंको हव काम करबा में नाम मान्यो तको वे, अन ज्या आपणाँ बाळकाँ ने हव तरिया पालण किदो वे, जणी अणजाण की भी सेवा किदी वे, परमेसर का लोगाँ की आपणाँ घर में आवभगत किदी वे, दकी मनकाँ की मदत किदी वे, अन जणी खुद हाराई भला काम करबा में आपणो मन लगायो वे।