थरप्या तका का काम 28:4 - नुवो नेम (मेवड़ी नया नियम)
4 जद्याँ वटा का रेबावाळा मनक वींका हात पे हाँप पळेट्यो तको देक्यो तो एक-दूजाऊँ क्यो, “हाँची में ओ मनक हत्यारो हे, समन्द में तो ओ बंचग्यो पण न्याव ईंने जीवतो ने रेवा देई”
जणीऊँ धरमी हाबिलऊँ लेन बरक्या का पूत जकरय्या तईं, जिंने थाँ मन्दर अन वेदी का वसमें मार नाक्यो हाँ, अन जतरा धरमिया की हत्या अटे धरती पे वीं हे, वणा हारई मनकाँ की हत्या की सजा थाँका माता आई।
कन थाँ वणा अठारा जणा का बारा में ज्याँका ऊपरे सिलोह को गुमट पड़्यो अन वीं दबन मरग्या, कई होचो हो के, वीं यरूसलेम में रेबावाळा हाराई मनकऊँ हेला पापी हा?
पण दरपण्या अन बना विस्वासवाळा, भरस्ट, हत्यारा अन कुकरमी, जादु-टोना करबावाळा, मूरती पुजबावाळा, अन हाराई जूट बोलबावाळा को भाग वीं कुण्ड में मली ज्यो हमेस्यान बळतो रेवे हे। या दूजी मोत हे।”