25 जद्याँ वीं एक-दूजाऊँ राजी ने वेन जारिया हा तद्याँ पोलुस वाकाँऊँ क्यो, “पुवितर आत्मा यसाया जो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळे थाँका बापदादाऊँ बड़्याईस क्यो हो के,
हो कपटी मनकाँ, परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा थाँका वाते सइस क्यो हे के,
ईसू वाँने क्यो, “थाँने कपटी केन यसाया ज्यो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळे हाँचो क्यो अन लिक्यो हो, “परमेसर केवे के, ‘ईं मारो आदर होटऊँ तो करे, पण अणाको मन माराऊँ घणो छेटी राके।
तद्याँ नरई तो वणा बाताँ ने मान लिदी अन दूजाँ विस्वास ने किदो।
“‘जान वणा लोगाँ ने किदे, थाँ हुणो तो खरी, पण हमेजो कोयने, थाँ देको तो खरी पण थाँने हूजी कोयने,
जद्याँ वणी ओ क्यो तो यहूदी एक-दूजाऊँ लड़ई करबा लागा अन वटूँ पराग्या।
तद्याँ पुवितर आत्मा फिलिपुस ने क्यो, “भड़े जान ईं रत की लारे वेजा।”
ईं वाते पुवितर आत्मा केवे हे के, “यद्याँ थाँ आज परमेसर की अवाज हुणो।
काँके कुई भी आगेवाणी मनकाँ की मरजीऊँ कदी ने वेवे हे, पण भगत मनकईस पुवितर आत्मा की वजेऊँ परमेसर का आड़ीऊँ बोले हे।