जद्याँ वटा का रेबावाळा मनक वींका हात पे हाँप पळेट्यो तको देक्यो तो एक-दूजाऊँ क्यो, “हाँची में ओ मनक हत्यारो हे, समन्द में तो ओ बंचग्यो पण न्याव ईंने जीवतो ने रेवा देई”
थूँ जिंका नके नेम लिक्या तका हे अन थाँरो खतनो भी व्यो हे। अतरो व्या केड़े भी थूँ ज्यो नेमा ने तोड़े हे। ईं वजेऊँ वो मनक जिंको देह का हस्याबूँ खतनो ने व्यो हे अन ज्यो नेमा को पालण करे हे, वो थने गुनेगार ठेराई।
में घणी मेनत किदी हे अन दुक का हाते जीवन जिदो हे। नरी दाण तो मूँ हूँ भी ने सक्यो। अन नरी दाण तो भुको-तरियो भी रियो हूँ, नरी दाण तो ठन्ड में बना गाबा के धूजतो रियो हूँ।
ईं वाते अबे मसी में ने कुई युनानी कन यहूदी, खतनावाळा कन बना खतनावाळा, ने जंगली हाव-भाव, ने बना अकल अन ने गुलाम कन आजाद, रियो हे। अणामें कई फरक ने रियो हे बेस मसीइस हारोई हे अन अणा हाराई में भी वींइस हे।