16 जद्याँ माँ रोम में पोंच्या, तो एक सपई की रुकाळीऊँ अकेला में रेवा की इजाजत मलगी।
वटे वींने अक्विला नाम को एक यहूदी मनक मल्यो, जिंको जनम पुन्तुस में व्यो हो। वो आपणी घरवाळी प्रिस्किला के हाते इटलीऊँ अटे आयो हो, काँके वटे रोम के राजा क्लोदियुस हंगळा यहूदियाँ ने रोमऊँ बारणे जाबा की आग्या दिदी ही। पोलुस वाँके नके ग्यो।
ईं बाताँ व्या केड़े पोलुस आपणी आत्मा में होच्यो के मकिदुनिया अन अखाया वेन यरूसलेम जाऊँ, अन क्यो “वटे जान मने रोम में भी जाणो पड़ी।”
फ्रिग्या अन पंपिलिया, मिसर अन सायरस नगर के भड़े का लिबिया परदेस का मनक, रोमऊँ आया जातरी हे।
वीं रात में परबू पोलुस के नके ऊबा रेन क्यो, “हे पोलुस, हिम्मत राक, काँके जस्यान थें यरूसलेम में मारी गवई दिदी, वस्यानीस थने रोम में भी गवई देणी हे।”
अन अदिकारी ने हुकम दिदो के पोलुस ने लेजान थोड़ीक आजादी का हाते रुकाळी करो अन ईंका हण्डाळ्याँ मूँ कुई भी ईंकी मदत करे तो रोकज्यो मती।
दूजे दन माँकाणी सेदा का बन्दरगा का नके जाँज रोकी, युलियुस पोलुस पे दया किदी के, वो हण्डाळ्याऊँ मलबा जावे ताँके वीं जरुरत की चिजाँ आने देवे।
तो पोलुस सेनापती अन सपायाऊँ क्यो, “यद्याँ ईं लोग जाँज पे ने रिया तो थाँ भी ने बंच सको।”
पण सेनापती पोलुस ने बंचाबा की मरजीऊँ वाँने रोक्या अन क्यो के, जो तर सके वीं, पेली कूदन कनारा पे परा जावो।
जीं लुगई ने थें देकी ही, या वीं मोटा नगर ने बतावे, ज्यो धरती का राजा पे राज करे हे।”
“अटे हमजबावाळी अन ग्यान की बात की गी हे, ईं हात माता हात मंगरा ने बतावे हे, जिंपे वाँ लुगई बेटी हे।